नयी शुरूआत लेखनी कविता -22-Jun-2024
नयी शुरूआत
मैने हार कर भी हार नही मानी है।
हर पल यही हौसला बुलंद रहता है।
आज नही तो कल नयी आशा कि किरण जरूर आएगी।
हर पल जिदंगी की राह मे मै एक खुशी ढुढ ही लेती हूँ।
माना आज नही कोई साथ मेरे तो क्या हुआ ।
नयी तरीके से नयी शुरुआत तो मेरे को ही करनी है।
और जहाँ हौसले के साथ नयी शुरूआत हो।
वहाँ मजिंल खुद ही मिल जाती है।
सोच कर नही कर के ही दिखाऊगी अपनी नयी मंजिल पर पहुँच कर।
स्वरचित-अंजू सिंह